प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अंदर जिस तरह अंतर्कलह की स्थितियां लगातार सामने आ रही है, वो संभाले नहीं संभल रही हैं। कुछ समय पहले खंडवा में आयोजित कांग्रेस पार्टी के एक सम्मेलन में आपसी मनमुटाव एवं सार्वजनिक रूप से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की गुटबाजी से परेशान होकर वरिष्ठ नेताओं ने भी अपना आपा खो दिया था। तमाम कोशिशों के बावजूद शीर्ष नेतृत्व भी कांग्रेस के आपसी कलह को समाप्त नहीं कर पा रहा है, ऐसे में प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के कांग्रेस के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

आपसी कलह में जीत का मंत्र स्वाहा
संपूर्ण मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 मई 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह कार्यकर्ता संवाद एवं समन्वय की भूमिका में जीत का मंत्र देने के लिए खंडवा पहुंचे थे। खंडवा में दिग्विजय सिंह के समक्ष कार्यकर्ताओं का आपसी मतभेद एवं गुटबाजी का मामला कुछ इस तरह दिग्विजय सिंह के समक्ष बौखलाहट पैदा कर गया कि उनकी जुबान से सभी कार्यकर्ताओं के समक्ष निकल गया – ‘कांग्रेस पार्टी जाए भाड़ में ...’
खंडवा में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के ही कार्यकर्ताओं ने जमकर आरोप-प्रत्यारोप और मुर्दाबाद के नारे लगा दिए। पिछले 3 महीने से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। कुल मिलाकर जहां-जहां दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं को मनाने जा रहे है, वहीं कार्यकर्ताओं का विरोध इसी रूप में सामने आ रहा है।


40 लाख में बिक रहे हैं कांग्रेस के टिकट : वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी 
एक ओर जहां भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के अंदर आपसी गुटबाजी से लेकर अब टिकट बेचने तक के आरोप सामने आने लगे हैं। खंडवा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगे, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के ही एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आरोप लगाते हुए एक वीडियो जारी किया और उसमें खुलकर बोला कि खंडवा में कमलनाथ के करीबी कैलाश कुंडल के द्वारा 40 लाख रुपए में टिकट खरीदे जा रहे हैं। संपूर्ण मामले में आरोप लगाते हुए मोहन ढाकसे ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी खंडवा में पूरी तरह से बिक चुकी है और कमलनाथ जी 40-50 लाख से लेकर 1 करोड रुपए में एक टिकट देने की नीलामी लगा चुके हैं।
कार्यकर्ताओं का आपसी विवाद सीनियर नेताओं के सरकार बनाने के दावे को खारिज करता नजर आता है। ज्ञात हो कि वर्ष 2017 एवं 2021 में भी इसी तरह के आरोप कांग्रेस पार्टी के कई प्रदेश स्तर के पदाधिकारी अपनी ही पार्टी पर लगा चुके हैं और कई बार सीनियर नेताओं ने सामने कार्यकर्ता हंगामा खड़ा कर चुके हैं।