- मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस की संगठन की व्यवस्था एवं आपसी समन्वय की स्थिति में जमीन आसमान का अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में आपसी कलह, गुटबाजी, तोड़फोड़ और मारपीट कांग्रेस पार्टी की बदहाल स्थिति को स्पष्ट कर रही है। पीसीसी चीफ कमलनाथ और वरिष्ठ नेता भले ही पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा कर रहे हों लेकिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के आपसी विवाद और झगड़े इन दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से कांग्रेस पार्टी के मध्य प्रदेश में हुए कई कार्यक्रमों की शर्मनाक तस्वीर में केवल एक ही संदेश नजर आ रहा है कि ‘पार्टी जाए भाड़ में कांग्रेस कई फाड़ में’। 

29 मई 2022 ...

 पिछले एक वर्ष के अंतराल की कांग्रेस पार्टी की समन्वय बैठक अथवा भारतीय जनता पार्टी के विरोध के संबंध में बैठकों की आयोजन की जो तस्वीरें सामने आई है, उन्होंने लोकतंत्र की व्यवस्था को ही शर्मसार कर दिया। 29 मई 2022 को मध्य प्रदेश के नीमच जिले में कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम के दौरान सज्जन सिंह वर्मा की उपस्थिति के मध्य कांग्रेस पार्टी के लोगों में आपस में जमकर जूते चले। आपस में हुई लड़ाई के दौरान कांग्रेस के कई कार्यकर्ता घायल भी हो गए थे।

18 जून 2023 

विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में इतनी अंदरूनी कलह मची हुई है कि आए दिन कार्यकर्ता आपस में भिड़ जाते हैं। 18 जून 2023 को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव संजय दत्त प्रदेश के सह प्रभारी के रूप में खंडवा पहुंचे थे, जहां पर संगठन को मजबूत करने एवं विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कार्यकर्ताओं से बंद कमरे में वन टू वन चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान जिला अध्यक्ष, ग्रामीण अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस ऑफिस में ही दे दना-दन शुरू हो गई। झगड़ा इतना बढ़ गया कि मौके पर बीच बचाव करने के बाद भी कई कार्यकर्ता घायल हो गए और कुर्सियां टूट गई। हालात देखकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव संजय दत्त कार्यक्रम छोड़कर भाग खड़े हुए।

- 5 नवंबर 2022 

- भारत जोड़ो यात्रा के दौरान खंडवा में एक बैठक का आयोजन किया जाना था, लेकिन इसी बैठक में कांग्रेस टूटती नजर आई। दरअसल, इस बैठक में राष्ट्रीय महासचिव जेपी अग्रवाल एवं मध्य प्रदेश के सह प्रभारी सी पी मित्तल शामिल हुए थे लेकिन प्रारंभ में ही खंडवा प्रभारी कैलाश कुंडल को हटाने के उद्देश्य से हो हल्ला शुरू हो गया और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में ही कार्यकर्ताओं ने कुर्सियां फेंकना शुरू कर दिया और पूरा हॉल तबाह कर डाला। आखिर में भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी एक तरफ रखी रह गई और दिल्ली से आए पदाधिकारी अपनी जान बचाकर भागे ।

-28 मई लगभग 3 महीने पहले पूर्व खंडवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की उपस्थिति में कार्यकर्ता संवाद एवं समन्वय की बैठक में कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पदाधिकारी के बीच आपसी मनमुटाव कुछ इस तरह बढ़ गया कि आखिर में दिग्विजय सिंह को हाल के दरवाजे बंद करना पड़े और बंद करने के बाद मुस्लिम वोटो को लेकर हुए आपसी विवाद में अपने आप को बचाने की जुगाड़ में पदाधिकारी पीछे के दरवाजे से भागते नजर आए। इसी कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी जाए भाड़ में ...

मारपीट का केंद्र बना गांधी भवन , राष्ट्रपिता की तस्वीरों का हुआ अपमान   पिछले 1 वर्ष से अधिक समय में कांग्रेस पार्टी की मध्य प्रदेश में जितनी भी बैठक हुई हैं, लगभग सभी में एक तरफ जहां कुर्सियां टूटी वहीं दूसरी तरफ प्रदेश स्तर के पदाधिकारी अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आए। लेकिन सबसे अधिक दुर्भाग्य की तस्वीर वो है, जिसमें राष्ट्रपिता का अपमान हुआ था। नीमच में खींचतान के बाद राष्ट्रपिता की तस्वीर जमीन पर गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई। कभी कांग्रेसी कार्यक्रम में महात्मा गांधी की तस्वीर जूतों में नजर आई तो कभी तस्वीर के टुकड़-टुकड़े नजर आए। कुल मिलाकर अंतर कलह से जूझ रही कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक पूरी तरह से कल भी खंड-खंड विखंडित थी और आज भी खंड-खंड विखंडित ही नजर आती है।