प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पंख लगाता धार्मिक पर्यटन
महाकाल लोक से बने रोजगार के नए अवसर, आस्था के साथ अर्थव्यवस्था में भी उछाल
उज्जैन : धार्मिक पर्यटन एक शहर की तस्वीर को कैसे बदल सकता है इसका अंदाजा उज्जैन शहर को देखकर लगाया जा सकता है। अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्री महाकाल महालोक के उद्घाटन के बाद से तिलक लगाने वाले से लेकर होटल जगत तक को जबरदस्त फायदा हो रहा है। धार्मिक पर्यटन प्रदेश के विकास की नई इबारत लिख रहा है। यही वजह है कि मध्य प्रदेश में लगातार धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। महाकाल लोक से उज्जैन की अर्थव्यवस्था में लगातार उछाल आया है। रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हुए हैं। महाकाल मंदिर के आसपास जारी निर्माण कार्य से भी लोगों को रोजगार मिल रहा है। डबल इंजन सरकार के इस प्रयास ने उज्जैन की तस्वीर और तकदीर दोनों को बदल दिया है। जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का धार्मिक पर्यटन और अर्थव्यवस्था वाला विज़न प्रदेश को ओंकारेश्वर में अद्भुत-आलौकिक एकात्म धाम, ओरछा में श्री राजा राम लोक, सलकनपुर में दिव्य देवीलोक और सागर में संत रविदास मंदिर की सौगात भी देगा।
विकास, रोजगार और पर्यावरण साथ-साथ
करीब एक साल में ही उज्जैन शहर में पंजीकृत ई-रिक्शा की संख्या 10 हजार के ऊपर पहुंच गई है। स्थानीय लोग इससे अधिक की संख्या बताते हैं। ई-रिक्शा की सुविधा मिलने से जहां श्रद्धालुओं को एक मंदिर से दूसरे मंदिर तक आने जाने में सहूलियत हो रही है, वहीं स्थानीय लोगों को भी आवागमन में सुविधा मिली रही है और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
युवाओं के मन में बाबा महाकाल
महाकाल लोक बनने के बाद बॉलीवुड, क्रिकेट और राजनीति से जुड़ी हस्तियों का रूझान उज्जैन की ओर बढ़ा है। कई केंद्रीय मंत्री लगातार महाकाल दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसके बाद युवाओं में भी महाकाल को लेकर अधिक क्रेज देखा गया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से होटल कारोबार भी सातवें आसमान पर पहुंच गया है। शहर में 1500 से ज्यादा नई दुकानें खुल चुकी है।
बाबा के खजाने का टूटा रिकॉर्ड
महाकाल लोक बनने के बाद सावन माह में आने वाले श्रद्धालुओं और दान के आंकड़ों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शहर की इकोनॉमी को जैसे पंख लग गए हैं। बाबा महाकाल के खजाने में केवल सावन माह के दौरान ही 200 करोड़ से अधिक रुपए जमा हुए थे। श्रद्धालुओं की संख्या 3 से 4 गुना बढ़ चुकी है। सावन माह के दौरान पौने दो करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए थे। पिछले साल तक सामान्य दिनों में लगभग 20-50 हजार श्रद्धालु महाकाल दर्शन को पहुंचते थे, लेकिन महाकाल लोक के बाद ये संख्या 70 हजार तक पहुंच चुकी है।
यातायात की बेहतर सुविधा
एक दशक पहले तक उज्जैन आने के लिए रेल और हवाई जहाज की सुविधा कम थी। बीते दशक में डबल इंजन सरकार ने उज्जैन, नागदा और इंदौर के लिए नई ट्रेनों की सौगात दी है। लोग नागदा और इंदौर उतरकर वहां से टैक्सी लेकर भी उज्जैन पहुंच रहे हैं। देश के कई शहरों और महानगरों से सीधी रेल सेवा यहां के लिए उपलब्ध है। इंदौर को कई नए हवाई जहाजों की सुविधा मिली। इसे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाकर लगातार सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है। लोग इंदौर हवाई अड्डे से टैक्सी लेकर महाकाल लोक आ रहे हैं। इससे टैक्सी का कारोबार भी बढ़ा है।
तीन और लोकों की मिलेगी सौगात
श्री महाकाल लोक के निर्माण के बाद पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होने के बाद प्रदेश सरकार लगभग 360 करोड़ की लागत से तीन और लोक बनवाएगी। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान वित्तमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में बताया था कि श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। प्रदेश के अन्य आस्था केंद्रों जैसे सलकनपुर में श्री देवी महालोक, सागर में संत रविदास स्मारक, ओरछा में रामराजा लोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी राम लोक को भी पूर्ण स्वरूप दिया जाएगा।