कांग्रेस का आदिवासी वोटरों पर फोकस
भोपाल । 2018 में जिस आदिवासी वोट बैंक के सहारे कांग्रेस सत्ता में आई थी, इस बार भी उसी वोट बैंक यानी आदिवासियों पर पार्टी का सबसे अधिक फोकस है। खासकर मालवा और निमाड़ की 37 सीटों पर कांग्रेस का विशेष फोकस हैं, क्योंकि इसी क्षेत्र में आने वाली 19 आदिवासी सीटों में से 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। पिछले चुनाव में भाजपा को यहीं से बड़ी हार मिली थी। इसलिए कांग्रेस यहीं से प्रियंका गांधी की सभा की तैयारी कर रही हैं। 5 अक्टूबर को धार के मोहनखेड़ा में प्रियंका की एक बड़ी सभा रखी जा रही है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मालवा-निमाड़ में काफी सीटों का नुकसान किया था, लेकिन इस बार भाजपा ने इन क्षेत्रों में घुसपैठ शुरू कर दी है, हालांकि कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है। कांग्रेस के बड़े नेताओं को इसकी जवाबदारी दी जा रही है। अभी से आदिवासी अंचलों में नेताओं के दौरे शुरू होने वाले हैं। मालवा और निमाड़ से प्रचार अभियान की शुरूआत धूमधड़ाके के साथ होगी, ताकि पूरे प्रदेश में इसका माहौल बन सके।
प्रदेश में कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान को तेज कर दिया है। 5 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा धार जिले के मोहनखेड़ा के दौरे पर आएंगी। प्रियंका यहां पर बड़ी रैली को संबोधित कर आदिवासी वोटरों को साधेंगी। प्रियंका का मध्य प्रदेश का यह तीसरा दौरा होगा। वहीं इससे पहले उन्होंने 12 जून को जबलपुर में रैली को संबोधित कर चुनाव का शंखनाद किया था। इसके बाद 21 जुलाई को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में जनसभा की थी। अब प्रियंका जैन तीर्थ स्थल मोहनखेड़ा में रैली को संबोधित करने वाली है। धार जिले में आने वाला मोहनखेड़ा धार और झाबुआ जिले के बीच में स्थित है। ये दोनों जिले आदिवासी बहुल हैं।
मध्य प्रदेश में आदिवासी वोटरों को बिना कोई भी दल सरकार नहीं बना सकता। प्रदेश की 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। वहीं, करीब 84 सीटों पर आदिवासी समाज का सीधा प्रभाव है। 2018 के चुनाव में आदिवासी वोटरों के छींटने के चलते ही भाजपा की सरकार सत्ता से चली गई। इस वर्ष 47 में से 30 सीटें कांग्रेस ने जीती और 16 सीटें भाजपा के खाते में गई। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते। जबकि 2013 में भाजपा ने 31 सीटें जीती थी। आदिवासी वोटरों के चलते ही कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी। आदिवासी बहुल जिले से 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। पार्टी आदिवासी बहुल क्षेत्र में फिर वहीं प्रदर्शन दोहराने की तैयारी में जुटी गई है। वहीं पिछले महीने आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकाली गई थी। अब झाबुआ में आदिवासी महासम्मेलन करने की तैयारी है, इसलिए धार में प्रियंका वाड्रा की जनसभा कराने की निर्णय लिया है।