कमलनाथ पर ईडी, सीबीआई, आईटी का दवाब... लेकिन वो झुकेंगे नहीं



भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस छोडऩे की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि कमलनाथ जल्द ही भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि इसको लेकर अबतक कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ऐसी अटकलों को खारिज किया है। उन्होंने कहा, मेरी कमलनाथ जी से चर्चा हुई है। कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व पर भी लगातार विचार विमर्श किया जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें कांग्रेस में कौन-सा पद नहीं मिला। केंद्र में मंत्री, एआईसीसी में मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री सब तो उन्हें मिला तो मुझे नहीं लगता है कि वो कांग्रेस पार्टी छोड़ेंगे।  
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, कमलनाथ जी जैसा व्यक्ति जिन्होंने शुरुआत कांग्रेस से की और जिन्हे हम सब इंदिरा जी का तीसरा सुपुत्र मानते थे और उन्होंने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है, कांग्रेस के स्तंभ रहे हैं। कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा कि ईडी, सीबीआई और आईटी का दबाव है, जोकि सब पर है। वो उन पर भी है, लेकिन कमलनाथ जी का चरित्र दबाव में आने वाला नहीं रहा है। वहीं मीडिया को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा, आपके पास बीते 15 दिनों से कोई और खबर नहीं है। हम और कैसे खंडन करेंगे कि उन्होंने ज्वाइन नहीं किया और न ही इस्तीफा दिया।
 जीतू पटवारी हुए अलर्ट
कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अलर्ट मोड पर हैं। दरअसल दावा किया जा रहा है कि कमलनाथ के साथ कई विधायक भी कांग्रेस पार्टी छोडक़र जा सकते हैं। इसको लेकर पटवारी ने एक-एक विधायक से बात की है। इससे पहले जीतू पटवारी ने कमलनाथ को इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा बताया था। उन्होंने कहा कि कमलनाथ के बारे में ये बातें निराधार हैं। जब 1980 में कमलनाथ जी ने पहली बार चुनाव लड़ा था तो इंदिराजी ने (छिंदवाड़ा में) एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए नाथ को अपने तीसरे बेटे के रूप में पेश किया था। क्या कोई इंदिरा जी के तीसरे बेटे के भाजपा में शामिल होने का सपना देख सकते हैं? हालांकि, पटवारी ने उन खबरों का खंडन किया कि कांग्रेस से राज्यसभा टिकट दिए जाने से इनकार किए जाने के बाद नाथ नाराज थे। उन्होंने कहा कि नाथ ने राज्यसभा के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अशोक सिंह का नाम प्रस्तावित किया, जिसका पार्टी नेताओं ने सर्वसम्मति से समर्थन किया।