दीवार के नीचे दबने से पति-पत्नी की मौत
भोपाल । प्रदेश के धार जिले तेज बारिश के चलते चौतरफा हाहाकार मचा हुआ है। गुजरी-सिमराली एवं फरसपुर पुलिया का आवागमन दूसरे दिन भी बंद रहा। रात्रि में दुगनी में एक मकान गिरने से परिवार के दो सदस्यों पति-पत्नी की मौत हो गई। पिछले दो दिन से हो रही लगतार वर्षा से दांगुल नदी में बाढ़ आ गई। जिले के भांडाखो में शनिवार रात्रि को सात लोग खेत में फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू टीम द्वारा रविवार सुबह सुरक्षित निकाला गया। रात्रि में वर्षा तेज होने के कारण रेस्क्यू कार्य नहीं हो पाया। प्रशासन फंसे लोगों से मोबाइल पर संपर्क करता रहा। फंसे लोगों पर लाइट मारकर इशारे किए। सुबह नदी में पानी का बहाव कम होने पर प्रशासन ने रेस्क्यू कर सभी सातों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। भैंसाखो में टापू पर नदी का पानी घर में घुसने पर परिवार के लोग एक खटिया लेकर ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र में पहुंच गए, जहां दो बच्चों के साथ पति-पत्नी व मां ने रातभर गुजारी। सुबह ग्रामीणों ने सभी को सुरक्षित टापू से निकाला।रात्रि में दुगनी में एक मकान गिर गया। उस वक्त पूरा परिवार मौजूद था। दीवार में दबने से पन्नालाल पुत्र शिव एवं उसकी पत्नी शांति की मौत हो गई। घटना की जानकारी लगने पर विधायक पांचीलाल मेड़ा रात्रि में तथा धामनोद थाना प्रभारी समीर पाटीदार सहित अधिकारी मौके पर पहुंचे। धामनोद अस्पताल में रविवार सुबह पोस्टमार्टम कर शव स्वजन को सौंपे गए। कारम नदी उफान पर होने से गुजरी-सिमराली एवं फरसपुर पुलिया का आवागमन दूसरे दिन भी बंद रहा। लोगों को आने-जाने के लिए पांच किलोमीटर दूर धार फाटे से घूमकर अपने घरों तक जाना पड़ा। आसपास कई क्षेत्रों में बिजली के खंभे व पेड़ धराशायी हुए। नदी किनारे लगे खेतों में पानी घुसने से फसलों में नुकसान हुआ है। पिछले दो दिन से हो रही लगतार वर्षा से दांगुल नदी में बाढ़ आ गई। रविवार को जब लोग घरों में सो रहे थे तो लगातार हो रही भारी वर्षा से जंगल के पानी ने तबाही मचाना शुरू कर दी। जब लोगों की आंख खुली तो घरों के अंदर कई फीट पानी भर चुका था। दुकानदारों की आफत खड़ी हो गई थी। पूरा सामान तेरने लगा। लाखों रुपये के नुकसान हुआ है।कुम्हार मोहल्ला, लोहार पट्टी, सदर बाजार, हरिजन बस्ती, पिंजारवाड़ी, माताजी मंदिर, बजरंग मोहल्ला में पानी घुस गया। नगर के बीचों-बीच से बहने वाले नाले में पानी बढ़ने के कारण लोगों के आशियाने उजड़ गए। लाखों का सामान बर्बाद हो गया। सबसे अधिक नगर की कई कालोनियां प्रभावित हुई, जो निचले क्षेत्र में आती हैं।यहां नाले का पानी घरों में दो से चार फीट भर गया। घरों में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया। नगर की बिजली भी बंद हो गई। रात का समय होने के कारण काफी परेशानी हुई। शिपराज चंबल नदी पर बने पुल के ऊपर पानी आने से मार्गों का संपर्क टूट गया।