टिकट तोमर के तो सवाल सिंधिया पर कैसे?
मुरैना। ग्वालियर और उसके बाद अब मुरैना में नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार जहां बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्वालियर को लेकर जहां पूरी कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सवाल खड़ा कर रही है तो मुरैना की हार वहां के दिग्गज भाजपा सांसद नरेंद्र सिंह तोमर की बताई जा रही है।
कांग्रेस भले ही ग्वालियर की भारतीय जनता पार्टी की हार को ज्योतिरादित्य सिंधिया से जोड़ रही हो लेकिन हकीकत यह है कि इसी कांग्रेस में ग्वालियर ने भाजपा के टिकट वितरण के बाद सिंधिया पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाए थे कि उनकी अनदेखी कर टिकट नरेंद्र सिंह तोमर के खेमे की सुमन शर्मा को दिया गया है, इससे भी बड़ा सवाल यह है कि अगर टिकट वितरण नरेंद्र सिंह तोमर के हस्तक्षेप से हुआ है तो फिर हार के जिम्मेदार सिंधिया कैसे हुए।
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर महापौर के लिए भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहले पूर्व मंत्री माया सिंह और बाद में समीक्षा गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया था लेकिन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सांसद विवेक शेजवलकर और पूर्व मंत्री जय भान सिंह पवैया की जुगलबंदी के कारण यहां से नरेंद्र सिंह तोमर के कट्टर समर्थक की धर्मपत्नी सुमन शर्मा को महापौर का टिकट दिया गया था, संगठन और कार्यकर्ताओं के भावना के विपरीत दिए गए इस टिकट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में जरा भी उत्साह नहीं था यही कारण है कि यहां वोटिंग परसेंटेज 50% से भी कम रहा था और यही भाजपा की बड़ी हार का कारण बना। इसके अलावा अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना में भी नरेंद्र सिंह तोमर अपनी पसंद का टिकट दिलाया था यहां भी भारतीय जनता पार्टी की बुरी हार हुई। ग्वालियर चंबल संभाग में नरेंद्र सिंह तोमर की फजीहत इसके पहले 2018 विधानसभा चुनाव में भी हो चुकी है जब भारतीय जनता पार्टी यहां की सभी विधानसभा हार चुकी थी।
ऐसे में कांग्रेस भले ही ग्वालियर की हार के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को दोषी बताकर श्रेय ले रही हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता जानता है कि ग्वालियर में हार का प्रमुख कारण खराब प्रत्याशी का चयन रहा है जिसके लिए सीधे दोषी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रहे। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानि द्वारा कार्यकर्ताओं के सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता लगातार जिला अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की भूमिका पर सवाल उठा रहे थे।