बुखार के 30 प्रतिशत और डायरिया के 20 प्रतिशत मरीज बढ़े, ओपीडी में मौसम के कारण बढ़ गए मरीज

 


भोपाल। उमस भरी गर्मी के चलते वायरस के नेचर में बदलाव देखने को मिल रहा है। उमस भरी गर्मी के कारण वायरस और ज्यादा ताकतवर हो रहा है। इसके चलते वायरल फीवर के साथ-साथ पेट दर्द और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसके साथ ही फंगल इंफेक्शन के मरीज भी कम नहीं हो रहे है। हमीदिया अस्पताल में मरीजों में से 30 फीसदी वायरल फीवर के मरीज होते हैं, वहीं 20 फीसदी मरीज डायरिया और पेट दर्द, डेंगू और मलेरिया के लक्षण 10 से 15 फीसदी मरीज आ रहे हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि उमस भरी गर्मी के कारण वायरस ताकतवर हुआ है और वह बुखार, सर्दी, खांसी के साथ-साथ पेट पर भी असर डाल रहा है। इसके चलते लोगों को डायरिया, पेट दर्द की शिकायत हो रही है। मरीज को ठीक होने से 6 से 10 दिन का समय लग रहा है। इससे बचने के लिए पानी साफ का सेवन करें। ठंडी चीजों और तली भुनी चीजों का परहेज रखें। पूरी बांह के कपड़े पहनें, मच्छरों से बचाव रखें।

फंगल इंफेक्शन के अब भी आ रहे 70 फीसदी मरीज
चिकित्सकों का कहना है कि आमतौर पर अगस्त माह के अंत तक फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या कम होने लगती है, लेकिन इस बार सितंबर में भी उमस भरी गर्मी रहने के कारण फंगल इंफेक्शन के मरीजों में कोई कमी नहीं आई है। ओपीडी में करीब 70 फीसदी मरीज फंगल इंफेक्शन के आए। इससे बचने के लिए सूती कपड़े पहनें। इसके अलावा टाइट कपड़े न पहनें।